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Monday, January 22, 2024

वीआईपी बनाम भगवान










दस्तक पड़ी द्वार पर तो, द्वारपाल चीखा, "कौन है तू? 

बिना टिकट कहां घुस रहा?"

वो बोला, "अरे मैं भगवान हूं, ये तो मेरा ही मंदिर ठहरा!"

द्वारपाल भड़का, "चल भाग, तू मुफ्तखोर, घुसा चला आ रहा, 

देखता नहीं ये वीआईपी एंट्री है, दर्शन हो रहा?!"

वो चकराया, "मगर मैं तो यहां हूं, दूर खड़ा?

ये समारोह, ये भव्य निर्माण,

सब मेरे ही नाम पर तो हो रहा!"

द्वारपाल हंसा, "तू भगवान है?

क्या है तेरे पास इस अयोजन का निमंत्रण?

अरे कौन भगवान, कैसा भगवान?

आज का भगवान तो है - धन और धनवान।"