Sunday, December 26, 2010
तलाश
हर बार दिल टूटा, हर बार टुकड़े जोड़े...
हर बार दिल टूटा, हर बार टुकड़े जोड़े,
युही तोड़ते-तोड़ते और जोड़ते-जोड़ते, ना जाने कितने चाहत के मक़ाम छूटे!
समझा नहीं है शायद ये दिल फिर भी...
समझा नहीं है शायद ये दिल फिर भी,
कोई हमारा नहीं, ना हम है किसी के!
ढूंडा किये हम बस अपनों को परायों में...
ढूंडा किये हम बस अपनों को परायों में,
अपने भी चल दिये हमे पराया कर के!
साथ छोड़ा नहीं हमने किसी का...
साथ छोड़ा नहीं हमने किसी का,
छूट गये साथी यूँही मिलते-मिलते!
ज़िन्दगी की राह यूँही गुज़री किसी हमराह को तलाशते हुए...
ज़िन्दगी की राह यूँही गुज़री किसी हमराह को तलाशते हुए,
ना वो मिला, ना राह मिली, हम भी खो गये कहीं चलते-चलते!
हमने सोचा के शायद कुछ कमी हममे ही है...
हमने सोचा के शायद कुछ कमी हममे ही है,
ज़िन्दगी गुज़र गयी उन्हें पूरा करते-करते!
चाहत को छोड़, मौत की चाहत की है...
चाहत को छोड़, मौत की चाहत की है,
वो भी ना रूठ जाये कहीं हमारे मरते-मरते!!!
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
3 comments:
Aren't we all searching??
yupp, and these lines r specially meant for all the Joeys and the Barneys of the world!! ;)
trans plz
Post a Comment